भारतीय भोजन में कैल्शियम की बहुत कमी पाई जाती है, जबकि कैल्शियम तथा फास्फोरस अस्थियों के मुख्य निर्माणक तत्व होते हैं।
कैल्सियम कार्य (Functions) - (1) अस्थियों तथा दांतों का निर्माण और शारीरिक वृद्धि - अस्थियों को बनाने और अस्थियों कंकाल के ढांचे के निर्माण हेतु भी कैल्शियम अत्यावश्यक खनिज लवण माना गया है। पूर्णरूपेण अस्थिनिर्माण भी कैल्शियम तन्तुओं के निर्माण तथा पुराने घिसने और क्षतिग्रस्त होने वाले तन्तुओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। मानव शरीर में लगभग 99% केल्शियम दातों और अस्थियों में हीं पाया जाता है। अन्य खनिज लवणों के साथ मिलकर यह खनजि तत्व दांतों तथा अस्थियों को स्थिरता और सुदृढ़ता प्रदान करता है। अस्थियों मेंयदि स्थिरता न हो, तो वह शरीर को आश्रय नहीं देगी। विभिन्न प्रकार की अस्थियां ही शरीर में कोमल और नाजुक अंगों की सुरक्षा करती है। कैल्शियम रक्त के थक्कों को जमाने में भी सहायता करता है। यह हमारे हृदय की गति का नियंत्रण करता है, मांसपेशियों की क्रियाशीलता बनाये रखता है। यह हमारे शरीर में भार तथा अम्ल की मात्रा एक समान बनाये रखता है। शरीर में क्षार की मात्रा में वृद्धि होने से व्यक्ति को अपच हो जाता है। कैल्शियम प्राप्ति के साधन (Sources of Obtaining Calcium) पोषणशास्त्रियों के मतानुसार दुग्ध (Milk) ही कैल्शियम की प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन है, क्योंकि दुग्ध से प्राप्त कैल्शियम शरीर द्वारा पर्याप्त रूप से अवशोषित हो जाता है। उत्तरोत्तर बढ़ते हुए बच्चों को तो वयस्कों की अपेक्षा अधिक मात्रा में कैल्शियम चाहिए, 5-6 प्याले दुग्ध नियमित रूप से प्राप्त होते रहना चाहिए। दुग्ध में कैल्शियम तथा फास्फोरस का आदर्श अनुपात पाया जाता है, जिसके कारण दुग्ध का अवशोषण भली-भांति हो जाता है। इसके अतिरिक्त दुग्ध में 'लेक्टोस' भी निहित होता है, जो कि इसके अवशोषण में सहायक होता है। दुग्ध पाउडर संपूर्ण दुग्ध और क्रीम विहीन दुग्ध में कैल्शियम एक समान मात्रा में पाया जाता है। कैल्शियम प्राप्ति के साधनों में गेहूं, चावल, आलू, मूली, शकरकन्द, सभी प्रकार के फल, मास, , वानस्पतिक तेल तथा खनिज चर्बी आदि हैं। है। उत्तम भोज्य पदार्थ - चुकन्दर, बादाम, गाजर, सेम, क्रीम, कपास का फूल, अजीर, अंडा, शलजम, शकरकन्द, सोयाबीन, तथा मछली आदि। सर्वोत्तम भोज्य पदार्थ - हरी सब्जियां, जल कुम्भी, हरी सरसों की साग भाजी, पनीर, बन्दगोभी, दूध, मक्खन, फूलगोभी तथा तिल आदि।
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