(CHIKUNGUNYA) परिचय
(Introduction) चिकनगुनिया विषाणु एक अर्बोविषाणु है जो अल्फा विषाणु (alpha virus) परिवार के अन्तर्गत सम्मिलित है। मानव में इसका प्रवेश एडिस (Aedes) मच्छर के काटने से होता है। यह विषाणु डेंगू रोग के समकक्ष लक्षण वाली बीमारी पैदा करता है। चिकनगुनिया रोग को अफ्रीकन भाषा से लिया गया है, इसका तात्पर्य है जो झुका दें।
एडिस (Aedes) मच्छर मानव शरीर में चिकनगुनिया विषाणु के प्रवेश करने के पश्चात 2 से 4 दिन के बाद इस रोग के लक्षण दर्शित होते हैं। इस रोग के लक्षणों में 39°C (102.2°F) तक का ज्वर हो जाता है। धड़, फिर हाथों और पैरों पर लाल रंग के चकत्ते बन जाते हैं। शरीर के सभी जोड़ों (joints) में असहनीय पीड़ा होती है। रोग के ठीक होने के पश्चात् भी लगभग 1 महीने तक शरीर में दर्द की शिकायत बनी रहतीहै। लक्षण(1)सर्दी के साथ तेज बुखार आना। 2. सिर दर्द होना। 3. मांसपेशियों में दर्द हेना। 2. सिर दर्द होना। 3. मांसपेशियों में दर्द हेना। 4. जोड़ों में तीव्र दर्द होना। 5. जी मिलचाना। 6. भूख कम लगना। 7. जोड़ों में सूजन और विकृति होना। 8. शरीर में कमजोरी होना, त्वचा का शुष्क होना। 9. प्रकाश सहन न होना (photophobia)। 10. शरीर पर हाथों व पैरों पर चकत्ते निकलना/दर्शित होना। 11. कुछ लोगों के मसूड़ों और नाक से खून का निकलना।.
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