• 2. विटामिन 'D' की कमी से उत्पन्न रोग (Diseases Treatment due to Deficiency of Vitamin D) विटामिन D की पर्याप्त मात्रा है, अन्यथा हमें विभिन्न प्रकार की शारीरिक व्याधियों का सामना करना पड़ता है.
जैसे अस्थि-विकृति की गभीर बीमारी माना गया है। विटामिन D की उपस्थिति में फास्फोरसत और कैल्शियम खनिजों का सरलतापूर्वक शोषण होता है, जबकि इसकी अनुपस्थिति में 1 अवशोषण ठीक विधि से नहीं हो पाता और शरीर रोगी हो जाता है। विटामिन D की कमी से उत्पन्न रोगों में अस्थि विकृति या रिकेट्स और आस्टीमलेशिया या मृदुत्लास्थि अति प्रमुख माने गये हैं। इन रोगों का संक्षिर वर्णन और उपचार निम्नवत् प्रस्तुत है - (1) अस्थि-विकृति या रिकेट्स (Rickets) विटामिन D की कमी से उत्पन्न यह रोग । इस रोग में बच्चो की अस्थिया सामान्य आकारीय नहीं हो पाती, जिससे वे कमजोर हो जाती है। सामान्यतः 6 माह से 2 वर्ष तक की आयु के बच्चों को ही यह रोग अधिक होता है। रिकेट्रा में अस्थियां कमजोर होने लगती है, क्योकि कैल्शियम और फास्फोरस का अवशोषण भलीभांति नहीं हो पाता है। जब शरीर की अस्थियां कमजोर हो जाती है, तब वे शारीरिक भार वहन करने में असमर्थ हो जाती है, जिसके कारण या तो ऐसी अस्थियां टेढी हो जाती है अथवा झुक सी जाती है। सर्वप्रथम रिकेट्स रोग में सिर की हड्डी कुछ लबी. चपटी और बड़ी सी हो जाती है तथा मस्तक कुछ-कुछ आगे की आर निकल आता है। शरीर की लम्बी अस्थियों के सिरे भी बढ़ जाते हैं। पसलियों में अस्थि और उपस्थि के जोड़ों के स्थान पर गोल-गोल से उभार दिखाई देते है. जिनको Rickely Rosary कहा जाता है। इसके अतिरिक्त श्रोणी मेखला की अस्थि गी कुछ-कुछ सकुचित हो जाती है र रोग में तथा रीढ़ की हड्डी भी कुछ-कुछ झुकी ती प्रतीत होती है।
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