आकाश का नीला दिखायी देना (Blue Appearance of Sky) - जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमण्डल से गुजरता है तो वायुमण्डल के अणुओं द्वारा प्रकीर्णित हो जाता है। प्रकीर्णन- का सब्दिक अर्थ है फैलाव वायु मंडल में सात रंग होते है लाल रंग का (प्रकीर्णन) फैलाव सबसे कम होता है नीले बैगनी रंग का (प्रकीर्णन फैलाव सबसे ज्यादा होता है इसी कारण हमे आकाश का रंग नीला दिखाई देता है। वायु के अणुओं का आकार (0) प्रकाश की तरंगदैर्ध्य(10-7 मीटर) की तुलना में बहुत कम होता है अर्थात प्रकाश का रैले प्रकीर्णन होता है जो के( अनुक्रमानुपाती होता है। सूर्य के प्रकाश में लाल वर्ण की तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक तथा व इसके बाद नीले वर्ण की तरंगदैर्ध्य सबसे कम होती है। अतः लाल वर्ण का प्रकीर्णन सबसे कम तथा बैंगनी व नीले वर्ण का Difficult सबसे अधिक होता है। जब हम आकाश की ओर देखते हैं तो प्रकीर्णित प्रकाश हमारी आँखों में पहुँचता है। यद्यपि बैंगनी वर्ण की तरंगदैर्ध्य न्यूनतम होने के कारण इसका प्रकीर्णन नीले वर्ण से भी अधिक होता है परन्तु हमारी आँखे बैंगनी वर्ण की तुलना में नीले के लिये अधिक सुग्राही हैं। इस