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छत्रपति शिवाजी महाराज

             Chhatrapati shiva ji  Part(1)  भारतीय इतिहास के महापुरुषों में शिवाजी का नाम प्रमुख है। शिवाजी जीवन भर अपने समकालीन शासकों के अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष करते रहे।  शिवाजी का जन्म अप्रैल सन 1627 ई० को महाराष्ट्र के शिवनेर के किले में हुआ था। इनके पिता का नाम शाहजी और माता का नाम जीजाबाई था। शाहजी पहले अहमदनगर की सेना में सैनिक थे। वहाँ रहकर शाहजी ने बड़ी उन्नति की और वे प्रमुख सेनापति बन गए। कुछ समय बाद शाहजी ने बीजापुर के सुल्तान के यहाँ नौकरी कर ली। जब शिवाजी लगभग दस वर्ष के हुए तब उनके पिता शाहजी ने अपना दूसरा विवाह कर लिया। अब शिवाजी अपनी माता के साथ दादा जी कोणदेव के संरक्षण में पूना में रहने लगे। जीजाबाई धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। उन्होंने बड़ी कुशलता से शिवाजी की शिक्षा-दीक्षा का प्रबन्ध किया। दादा जी कोणदेव की देख-रेख में शिवाजी को सैनिक शिक्षा मिली और वे घुडसवारी, अस्त्रों-शस्त्रों के प्रयोग तथा अन्य सैनिक कार्यों में शीघ्र ही निपुण हो गए। वे पढ़ना, लिखना तो अधिक नहीं सीख सके, परंतु अपनी माता से रामायण, महाभारत तथा पुराणों की कहानियों सुनकर उन्होंने